• Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
Menu
  • Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
Search
Close
Home Latest Articles

“किराया मुक्ति दिवस”

Adv. Dilip Kumar by Adv. Dilip Kumar
December 6, 2022
in Latest Articles
0
किराया मुक्ति दिवस
  • Facebook
  • Twitter
  • Pinterest
  • LinkedIn
  • WhatsApp

 

आज मैं व्यक्तियों की दो काल्पनिक सूची के बारे में लिख रहा हूँ। पहली सूची  वैसे व्यक्तियों की है जिसके पास खुद का मकान है और दूसरी जो किराया पर रहने को मजबूर है। दूसरी सूची वाले व्यक्ति कठिन परिश्रम करते है ताकि उनको पहली सूची में स्थान मिल जाये। मैं भी पिछले 27 वर्षों से किराया पर रह रहा हूँ। मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि किरायदार के प्रति समाज का नजरिया सम्मानजनक नहीं है। यह एक सच्चाई है कि मैं एक किरायदार हूँ, परंतु जब कभी भी मेरा परिचय अमुक व्यक्ति के किरायेदार के रूप में दिया गया, मुझे अच्छा नहीं लगा। शायद मेरे जैसा बहुतों किरायेदार को अच्छा नहीं लगता होगा! परंतु वे सुनने को मजबूर होंगें।

बहुत पहले की बात है दो व्यक्ति आपस में बात कर रहे थे। एक ने पूछा विधायिका नें “रैयत” और “किरायेदार” दोनों के लिए एक ही शब्द “Tenant” को क्यों अपनाया? दूसरे ने जबाव दिया लैन्ड्लॉर्ड और टीनेंट दोनों शब्द का संबंध भूमि या भवन के उपभोग के बदले निर्धारित राशि का भुगतान करने से है अतः विधायिका नें हिन्दी के उपरोक्त दोनों शब्दों के लिए अंगरेजी में tenant शब्द को अपनाया है। वे उक्त उत्तर से संतुष्ट नहीं हुए और बताया “……..दोनों शब्दों का अर्थ मकान/भूमि मालिक द्वारा बेगार खटवाने से है……..”। किरायेदार के रूप में मैंने अनुभव किया है कि बेगार खटवाने की बात गलत नहीं है। हालाँकि कुछ हद तक संगठित होने के कारण “व्यवसायिक किरायेदार” की स्थिति आवासीय किरायेदार से बेहतर है।

मैं दो उदाहरण के द्वारा अपना अनुभव सांझा कर रहा हूँ। 1998 में मैं विधि का छात्र। उस समय मैं 75 रुपया प्रतिमाह के किराया पर रहता था। मकान के मलिक द्वारा अचानक बताया गया कि अब अगले महीने से किराया प्रति माह 275 रुपया देना होगा। मैंने विरोध किया। नतीजा मुझे मकान खाली करना पड़ा।

उसके बात मैं एक अधिवक्ता के यहाँ किराया पर रहने लगा। मैं प्रतिदिन अपनी गाड़ी से उनको कोर्ट लें जाया करता था। मुझे नहीं मालूम था कि वे मुझसे बेगार खटवा रहे थे। वर्षों तक कोर्ट ले जाने के बाद एक दिन मैंने उनको गाड़ी में पेट्रोल भरवाने के लिए बोला तो वे नाराज हो गये। उसके दूसरे दिन मेरे एक क्लाइंट आयें। क्लाइंट ने अधिवक्ता मकान मलिक से पूछा, वकील साहब कहाँ है? मकान मालिक नें कहा, क्या बात है? मुझे उनसे मिलना है क्लाइंट बोले। यह बात मकान मालिक को बुरा लगा और मुझे मकान खाली करना पड़ा। मैंने अनुभव किया है कि आवासीय किरायेदार के लिए मकान मालीक का आदेश ही सबसे बड़ा कानून है। मकान मालिक के आदेश पर प्रश्न करने वाले किरायेदार को बदमाश किरायेदार कहा जाता है। समाज भी उनको अच्छे नजर से नहीं देखता है। मकान मालिक से विवाद करके कोई आवासीय किरायेदार शांति से नहीं रह सकता है। मकान मालिक से विरोध और मकान खाली करने के बीच का समय किरायेदार के लिए काफी तनावपूर्ण होता है।

मैं जब भी किराया देने जाता था, मन में एक बात जरूर आती थी कि मुझे किराया से मुक्ति कब मिलेगी। मैं “किराया मुक्ति दिवस” कब मनाऊँगा। मेरे अनुसार दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति के पास एक ऐसा मकान जरूर होना चाहिए, जीसे वह अपना कह सके। आज मेरी जिंदगी का महत्वपूर्ण दिन है। मैं आज बहुत खुश हूँ। वर्षों का सपना आज पूरा होने जा रहा है। आज की रात मैं अपने छत के नीचे बिताऊँगा। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि ऐसी खुशी प्रत्येक जरुरतमन्द व्यक्ति को दें।

✍दिलीप कुमार
(अधिवक्ता)

  • Facebook
  • Twitter
  • Pinterest
  • LinkedIn
  • WhatsApp
Previous Post

Full Stop No. 04/2021 (Criminal-Dispute)

Next Post

जिनके नियत में कार्बन-डाई-ऑक्साइड घुली हो उसको कैसे निकाला जाए?

Adv. Dilip Kumar

Adv. Dilip Kumar

Next Post
जिनके नियत में कार्बन-डाई-ऑक्साइड घुली हो उसको कैसे निकाला जाए?

जिनके नियत में कार्बन-डाई-ऑक्साइड घुली हो उसको कैसे निकाला जाए?

Discussion about this post

Cases Resolved by the DE

Full Stop No. 08/2023 (Property – Dispute)

Full Stop No. 08/2023 (Property – Dispute)

by Adv. Dilip Kumar
September 4, 2023
0

Dispute-Eater Run and managed by Ram Yatan Sharma Memorial Trust...

Full Stop No. 07/2023 (Property – Dispute)

Full Stop No. 07/2023 (Property – Dispute)

by Adv. Dilip Kumar
July 4, 2023
0

Dispute-Eater Run & Managed by Ram Yatan Sharma Memorial Trust...

Full Stop No. 06/2023 (Family – Dispute)

Full Stop No. 06/2023 (Family – Dispute)

by Adv. Dilip Kumar
June 1, 2023
0

Dispute-Eater Run & Managed by Ram Yatan Sharma Memorial Trust...

Load More

Latest Articles on DE

दत्तक पुत्र की जाति से संबंधित कानून एक नजर में।

दत्तक पुत्र की जाति से संबंधित कानून एक नजर में।

by Adv. Dilip Kumar
March 27, 2023
0

हिन्दू धर्म के अनुसार किसी व्यक्ति की जाति का निर्धारण...

एकतरफा तलाक और उसकी प्रक्रिया।

एकतरफा तलाक और उसकी प्रक्रिया।

by Adv. Dilip Kumar
January 20, 2023
0

सभी धर्मों की अपनी-अपनी पारिवारिक विधि है। सभी में कुछ...

जानिए वृद्ध का अधिकार

जानिए वृद्ध का अधिकार

by Adv. Dilip Kumar
October 22, 2022
0

भारतीय समाज का परंपरागत नियम वृद्धों के प्रति सम्मान करने...

Judgement from the Court

संयुक्त वसीयत की स्थिति में वसीयत का प्रावधान केवल मृतक वसीयतकर्ता की संपत्ति तक ही सीमित होगा जीवित वसीयतकर्ता की संपत्ति पर प्रभावी नहीं होगा-  केरल उच्च न्यायालय।

संयुक्त वसीयत की स्थिति में वसीयत का प्रावधान केवल मृतक वसीयतकर्ता की संपत्ति तक ही सीमित होगा जीवित वसीयतकर्ता की संपत्ति पर प्रभावी नहीं होगा-  केरल उच्च न्यायालय।

January 7, 2023
बहू को है सास-ससुर के घर में रहने का अधिकार – सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला,  

बहू को है सास-ससुर के घर में रहने का अधिकार – सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला,  

September 19, 2022
नोटरी विवाह/तलाक दस्तावेजों को निष्पादित करने के लिए अधिकृत नहीं हैं: – MP HC

नोटरी विवाह/तलाक दस्तावेजों को निष्पादित करने के लिए अधिकृत नहीं हैं: – MP HC

November 24, 2021
Load More
  • Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
  • Home
  • About
  • Our Aim
  • Team
  • Photos
  • We Contribute
  • Online Appointment
  • Donate Us
  • FAQs
  • Contact
Facebook Twitter Youtube Linkedin
© 2019-2022 – Dispute Eater

Run & Managed by – RAM YATAN SHARMA MEMORIAL TRUST®

made with love at Ambit Solutions (7488039982)
WhatsApp chat