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माता-पिता के द्वारा किसी एक पुत्र/पुत्री को अधिक संपत्ति देना पूर्णतः वैध है. सुप्रीम कोर्ट

Adv. Dilip Kumar by Adv. Dilip Kumar
September 18, 2019
in Latest Articles
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माता-पिता के द्वारा किसी  एक पुत्र/पुत्री  को अधिक संपत्ति देना पूर्णतः वैध है. सुप्रीम कोर्ट
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IN THE SUPREME COURT OF INDIA
CIVIL APPELLATE JURISDICTION
CIVIL APPEAL NO(s). 2896 OF 2009
RAJA RAM …APPELLANT(S)
VERSUS
JAI PRAKASH SINGH AND OTHERS …RESPONDENT(S)
JUDGMENT
NAVIN SINHA, J.

Date of judgement: – 11.09.2019

सुप्रीम कोर्ट ने बुजुर्ग पैरंट्स की देखभाल करनेवाले शख्स को प्रॉपर्टी का बड़ा हिस्सा दिए जाने के संबंध में महत्वपूर्ण फैसला दिया। कोर्ट ने माना कि बुजुर्ग देखभाल करनेवाली संतान (केयरिंग चिल्ड्रन) को दूसरे भाई-बहनों की तुलना में संपत्ति का बड़ा हिस्सा दे सकती है। इसे बुजुर्ग अवस्था का फायदा उठाकर संपत्ति अपने नाम कराने का मामला नहीं माना जाएगा।

भाइयों के बीच में संपत्ति को लेकर चल रहे एक विवाद पर फैसला देते हुए जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने यह महत्वपूर्ण फैसला दिया। जजों की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि बिना किसी महत्वपूर्ण साक्ष्य के इस निष्कर्ष (पैरंट्स की उम्र का फायदा उठाकर संपत्ति अपने नाम कराना) पर पहुंचना सही नहीं होगा और इससे गलत संदेश जा सकता है। ऐसी संतान जो माता-पिता के प्रति अपेक्षाकृत कम दायित्वों का निर्वाह करती है, उनकी तुलना में ज्यादा जिम्मेदारी निभानेवाली संतान पर ऐसे फैसलों से विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

संपत्ति के बंटवारे को लेकर पिछले 5 दशक से पिता की मौत के एक साल बाद से ही भाइयों के बीच संपत्ति के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था। पिता ने अपनी संपत्ति में से बड़ा हिस्सा एक बेटे को दे दिया। दूसरे भाई ने इसे पिता पर बुजुर्ग अवस्था में प्रभाव डालकर संपत्ति अपने नाम करवाने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया था। ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट ने भी इस दावे को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को ही मान्य ठहराया।

………………………….J.
[NAVIN SINHA]
………………………….J.
[INDIRA BANERJEE]
NEW DELHI
SEPTEMBER 11, 2019.

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